एस.आई.ओ द्वारा राष्ट्रव्यापी अभियान का आयोजन

एस.आई.ओ द्वारा राष्ट्रव्यापी अभियान का आयोजन
अकोला - स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एस.आई.ओ) छात्रों और युवाओं का एक संगठन है जो छात्रों और युवाओं को अपने कौशल को सकारात्मक तरीके से विकसित करने अपनी नैतिकता और चरित्र में सुधार करने और उन्हें राष्ट्र के लिए उपयोगी बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं ।

SIO की स्थापना 1982 में हुई थी और 2010 में , इसे अपनी सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षिणक , वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ( यूनेस्को) द्वारा सर्वउत्तम विद्यार्थी संगठन ( Best Students Organisation ) पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । शिक्षा किसी राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी होती है और एज्युकेशनल कैम्पस किसी राष्ट्र के नैतिक और बौद्धिक विकास के लिए महत्वपूर्ण इमारत है । 

कहा जाता है कि भारत ग्रेजुएट्स का देश है । कैम्पस सभ्य समाज के लिए पालने का काम करता है और छात्रों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देता है । ज्ञान प्राप्त करना प्रत्येक मनुष्य का मूलभूत अधिकार है । प्रत्येक छात्र के लिए ज्ञान की मांग करना बहुत महत्वपूर्ण काम है । 

ज्ञान मनुष्य को सामान्य मनुष्यों से अलग करता है । के इतने महत्व के बावजूद हमारे कैम्पस और समाज को विभिन्न कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है । ये कैम्पस देश के लिए काम करने का जुनून विद्यर्थियो मे पैदा करने के लिए नहीं , बल्कि देश के विरुद्ध माहौल बनाने का काम कर रहे हैं । 

कैंपस में होने वाली समस्याओं से अनजान अधिकांश स्मातक ( ग्रैज्युएटस ) दृष्टिहीन जीवन जी रहे हैं । मानवता की चिंता करने की बजाय , ये छात्र मानवता से निराश हो रहे हैं । यहां तक कि कैम्पस अब छेड़खानी , रैगिंग , चोरी और यहां तक कि हत्या जैसे असमाजिक गतिविधियों के केंद्र बन रहे हैं । 

बड़ी संख्या में वद्यार्थी समाज के लिए एक रोल मॉडल बनने का अपना सपना खो बैठे हैं , जिसके परिणामस्वरूप छात्र अपने शिक्षकों और माता - पिता का सम्मान करने में विफल हो रहे हैं यहां तक कि शिक्षक भी एक संरक्षक के रूप में अपनी जिम्मेदारी की उपेक्षा कर रहे हैं । आजकल कॉलेज और यूनीवर्सिटी के विद्यार्थी गंदी राजनीति का शिकार हो कर अपने उज्वल भविष्य से समझौता कर रहे हैं । 

वहीं पर दूसरी तरफ़ , कट्टरपंथ एवं नफ़रत की राजनीति , हिंसा और अपराध के वातावरण ने विद्यार्थियों में डर पैदा किया है । पिछड़े वर्ग , दलित , आदीवासी और अल्पसंख्यक वर्गों से ताल्लुक रखने वाले अनीस ख़ान , रोहित वेमुला , नजीब अहमद , पायल तड़वी , फ़ातिमा लतीफ़ और बहुत से दूसरे अनगिनत विद्यार्थी इस विषैले वातावरण का शिकार हो चुके हैं । 

इसलिए कैम्पस में सभी विद्यर्थियों के लिए समान अधिकार की मांग अहम हो गई है । बहोत ज्यादा मानसिक दबाओ ( Mental Pressure ) और नैतिक शिक्षा की कमी की वजह से विद्यार्थी मानसिक तनाव के लिए सिगरेट शराब , चरस और दूसरी नशीली चीजों का सेवन कर रहे हैं । अवैध संबंध , अभद्र कपड़े , नशीली चीजों का इस्तिमाल , और मनोरंजन के अश्लील साधन भविष्य के कॉलेज व कैंपस के लिए ख़तरे की घंटी बन गए हैं । 

व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बहाना बना कर औरत को हवस मिटाने का साधन बनाया जा रहा है । मर्द को उसकी आज़ादी का दुश्मन बता कर उसे नैतिकता से दूर किया जाता है ताकि उसका शोषण किया जा सके । दुःखद बात ये है कि इन कारणों से हॉस्लों में ख़ुदकुशी की घटनाओं में वृद्धि हुई है । डेटा के मुताबिक भारत के नौजवानों में ख़ुदकुशी का औसत 35.1 प्रतिशत है । 

समाज एवं देशहित में एक संवेदनशील विद्यार्थी तैयार करना हमारी सब से बड़ी ज़िम्मेदारी है । हमारा रिश्मा पूरी इंसानियत से है। हम सब के लिए रहमत ( दयावान ) बन जाएं हम से किसी को कष्ट ना पहुंचे , हम सब के सुख और दुःख में साथ हो , ऐसा समाज निर्माण करने के लिए हमें कैम्पस में काम करना होगा।

इस के लिए एक दूसरे को समझना होगा और हर एक को अपने कर्तव्य के साथ साथ दूसरों के अधिकारों को पूरा करने एवं उनकी रक्षा करने का भी निश्चय करना होगा । ये सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है जिसके द्वारा ही समाज में अमन व शांति क़ायम हो सकती है। 

हमारी शिक्षा सिर्फ हम तक सीमित ना रहे बल्कि हम इस से अपने घर एवं समाज को भी रोशन करें ताकि एक सभ्य एवं ख़ूबसूरत समाज का निर्माण हो सके । इसलिए , एसआईओ Soul Spark : Illuminate Ethics इस थीम के साथ 5 से 20 सेप्टेंबर तक एक राष्ट्रव्यापी अभियान का आयोजन कर रही है , यह अभियान प्रत्येक छात्र के भीतर नैतिकता की चिंगारी को प्रज्वलित करने का काम करेगा । 

यह उच्च नैतिक मानकों को कायम रखते हुए युवाओं की नेतृत्व करने , उन्हे प्रेरित करने एवं परिवर्तन करने की शक्ति को पहचानने के बारे में प्रोत्साहित करेगा । 

Soulspark सिर्फ एक अभियान नहीं बल्की यह हमारे परिसरों को नैतिकता एवं उत्कृष्टता के पालने में नया आकार देने का एक सामूहिक प्रयास है । आइये अपने भीतर की चिंगारी को समाज एवं देशहित में प्राज्वलित करते हैं और साथ मिलकर , एक सही , नैतिकता से भरपूर भविष्य का निर्माण करते हैं । 

एस.आई. ओ छात्रों को वास्तविक ज्ञान और जागरूकता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें बुराइयों के खिलाफ लड़ने के लिए नैतिकता और नैतिकता के पथप्रदर्शक बनने के लिए तैयार करने के लिए अग्रेसर है । साथ ही ये संगठन नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने का भी प्रयास करती है । एस . आई . ओ शैक्षिणक प्रणाली और शिक्षा में समानता के उसूलों के लिए भी प्रतिबद्ध है ।

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