अकोला जिले के 50 गांवों में लागू की जाएगी यह योजना, प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 वाटरशेड विकास;
अकोला - प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत वाटरशेड विकास योजना की विस्तृत परियोजना योजना को राज्य स्तरीय तकनीकी स्वीकृति समिति वंसुधारा पुणे से अंतिम स्वीकृति मिल गई है । परियोजना प्रबंधक एवं जिला जल संरक्षण अधिकारी हरिभाऊ गीते ने बताया कि इस योजना के तहत जिले के 50 गांवों में यह योजना लागू की जायेगी।
वसुंधरा आयुक्त मधुकर अरदद की अध्यक्षता में राज्य तकनीकी सलाहकार समिति वसुंधरा के माध्यम से सखा संकुल पुणे में राज्य स्तरीय तकनीकी प्रत्यायन समिति की बैठक हुई. इस अवसर पर विभिन्न जिलों के जिला जल संरक्षण अधिकारियों ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचन योजनान्तर्गत जलसंभर विकास योजना की विस्तृत परियोजना योजना को अंतिम स्वीकृति देने के लिए परियोजना प्रस्तुत की।
इस अवसर पर परियोजना प्रबंधक एवं जिला जल संरक्षण अधिकारी हरिभाऊ गीते ने अकोला जिले की प्रस्तुति दी. इससे पहले जिला कमेटी में बालापुर के अनुमंडल जल संरक्षण अधिकारी राम थोके , अनुमंडल जल संरक्षण अधिकारी अकोट के सचिन गवई ,अनुमंडल जल संरक्षण अधिकारी मुर्तिजापुर दर्शन खंडारकर एवं अनुमंडल जल संरक्षण अधिकारी सचिन वाणरे ने विस्तृत परियोजना योजना प्रस्तुत की।
जिला कलक्टर नीमा अरोड़ा ने जिला कमेटी की स्वीकृति प्रदान कर अंतिम स्वीकृति हेतु भेजने का निर्देश दिया. तदनुसार, वंसुधारा पुणे को राज्य स्तरीय तकनीकी अनुमोदन समिति प्रस्तुत की गई थी । विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की जांच की जा चुकी है और अंतिम स्वीकृति दी जा चुकी है और योजना के तहत 50 गांवों में योजना लागू की जाएगी ।
योजना जिले के 50 गांवों में लागू की जाएगी
यह योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचन योजना 2.0 वाटरशेड विकास के तहत अकोला जिले के 50 गांवों में लागू की जाएगी। इनमें बर्शिताकली तालुका के आठ गाँव , अकोला तालुका के तीन, तेल्हारा के 10 , मुर्तिजापुर के 14 , बालापुर के सात और पातुर तालुका के आठ गाँव शामिल हैं।
इस योजना के माध्यम से संबंधित ग्रामों में विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन गतिविधियों को क्रियान्वित किया जायेगा। इनमें शीट तटबंध , तटबंध , पत्थर का तटबंध , गेबियन तटबंध , सिमेट नाली तटबंध , अच्छी तरह से भरना , वृक्षारोपण शामिल हैं ।
बाग रोपण आदि के साथ-साथ भूमिहीन निर्धनों को व्यक्तिगत अनुदान, महिलाओं के संबंध में समूह की उद्यमिता बढ़ाने हेतु अनुदान , किसानों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने हेतु अनुदान एवं संयुक्त उद्यम हेतु अनुदान आदि योजना के माध्यम से किये जायेंगे।